Rabindra Nath Sulanki रवीन्द्र नाथ सुलंकी
अकर्मण्यता के जीवन से यशस्वी जीवन और यशस्वी मृत्यु श्रेष्ठ होती है !
जैसे सूर्य आकाश में छुप कर नहीं विचर सकता उसी प्रकार महापुरुष भी संसार में गुप्त नहीं रह सकते !
ख्यति नदी की भांति अपने उद्गम स्थल पर क्षीण ही रहती है किन्तु दूर जा कर विस्तृत हो जाती है !
सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित रहता है फिर भी प्रत्येक जीव अपने बंधनों को प्यार करता है |
क्रोध ऐसी आंधी है जो विवेक को नष्ट कर देती है |
मुट्ठीभर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है , इतिहास की धारा को बदल सकते हैं !
हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसन है , लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है !
विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है !
अच्छे शब्दों के प्रयोग से बुरे लोगों का भी दिल जीता जा सकता है !
मनुष्य का सबसे बड़ा यदि कोई शत्रु है तो वह है उसका अज्ञान !
सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है जो विशेष रूप से शुद्ध किया हुआ हो !
हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है !
जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है ,उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल ज्ञान दूर कर सकता है !
आप जीवन में जो कुछ भी चाहते हैं वे प्राप्त कर सकते हैं बस आप दूसरे लोगों की मदद करना शुरू कर दें !
अपने आप को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका किसी और को खुश करने की कोशिश करना है !
सफल होने के लिए केवल दो ही नियम हैं एक आप वास्तव में क्या करना चाहते हैं और दो यह करो !
असफलता जीवन का एक हिस्सा है इससे डर कर सफलता की राह मत छोड़ो !
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